गोदान

“गोदान” एक महान कहानी है जिसे मुंशी प्रेमचंद ने लिखा है।

गोदान ग्रामीण भारत में आजादी से पहले की कहानी है। कहानी एक गरीब किसान होरी के जीवन और उसके गांव में धन और समृद्धि के प्रतीक गाय को खरीदने के उसके संघर्ष के इर्द-गिर्द घूमती है। होरी की पत्नी, धनिया, भी एक गाय के मालिक होने का सपना देखती है और अंत में एक बच्चे की तरह गाय की देखभाल करती है।

कहानी अन्य ग्रामीणों के जीवन और उनके सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक संघर्षों पर भी प्रकाश डालती है। जमींदार, ठाकुर को एक बेईमान व्यक्ति के रूप में दिखाया गया है जो किसानों का शोषण करता है और उनकी दुर्दशा के लिए कोई सहानुभूति नहीं रखता है। ठाकुर की बेटी रूपा को एक शिक्षित युवक वर्माजी से प्यार हो जाता है, जो बाद में कम्युनिस्ट बन जाता है और स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो जाता है।

होरी का बेटा गोबर भी कहानी का एक पात्र है जो जीविका कमाने के लिए कड़ी मेहनत करता है और एक शिक्षित व्यक्ति बनने की आकांक्षा रखता है। कहानी अमीरों और गरीबों के जीवन के बीच के अंतर को दर्शाती है और किसान कैसे गरीबी और दुख का जीवन जीते हैं।

कहानी में एक नाटकीय मोड़ आता है जब होरी को एक साहूकार द्वारा धोखा दिया जाता है, और उसे कर्ज चुकाने के लिए अपनी प्यारी गाय को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ता है। गाय के खोने से होरी और धनिया निराश हो जाते हैं और वे दोनों बीमार हो जाते हैं। होरी का बेटा, गोबर अपनी गाय वापस खरीदने के लिए एक बछड़ा बेचने के लिए यात्रा पर निकलता है, लेकिन इस यात्रा से उसके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है और वह गंभीर रूप से बीमार पड़ जाता है।

कहानी होरी के दिल का दौरा पड़ने से मरने के साथ समाप्त होती है, और उसकी पत्नी धनिया भी जल्द ही गुजर जाती है, जीवित रहने के लिए संघर्ष जारी रखने के लिए गोबर को अकेला छोड़ देती है। कहानी गरीबी, जाति व्यवस्था, असमानता, किसानों के शोषण और सामाजिक सुधार की आवश्यकता जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को उठाती है।

संक्षेप में, गोदान हिंदी साहित्य की एक उत्कृष्ट कृति है जो न केवल स्वतंत्रता-पूर्व भारत में किसानों के जीवन को दर्शाती है बल्कि महत्वपूर्ण सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को भी उठाती है जो आज भी प्रासंगिक हैं। कहानी आम लोगों के संघर्षों और बेहतर जीवन की उनकी खोज की मार्मिक याद दिलाती है।

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गोदान किसने लिखी है?

गोदान की कहानी मुंशी प्रेमचंद ने लिखी है।

गोदान की कहानी किस समय और स्थान पर है?

गोदान की कहानी आजादी से पहले का समय है और इसकी कहानी गांव की जिंदगी के बारे में है।

गोदान की कहानी किस के बारे में है?

गोदान की कहानी एक किसान की ज़िंदगी के बारे में है, जिसकी चाहत होती है कि वो एक गाय ख़रीद ले।

गोदान में किस प्रकार के सामाजिक मुद्दे उठाए गए हैं?

गोदन में सामाजिक मुद्दे जैसे गरीबी, बेरोजगारी, और दलित विरोधी पर विचार किया गया है।

गोदान की कहानी में किस तरह का संदेश है?

गोदान की कहानी में सामाजिक परिवर्तन की बात भी की गई है। इस संदेश के अनुसर, किसानों को अपना अधिकार मिलना चाहिए और वे अपने अधिकार के लिए संघर्ष करना चाहिए।

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By Shubham

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